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राजनीति

 अनावश्यक देश के गले पड़े अविश्वास और राहुल

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प्रवीण गुगनानी देश को और उसकी संसद को एक अनावश्यक अविश्वास प्रस्ताव में झोंका गया. अनावश्यक अंकगणित की दृष्टि से नहीं, क्योंकि संसदीय लोकतंत्र में अंकगणित से इतर होकर अविश्वास प्रस्ताव को जागरण का एक प्रयास भी माना जाता है. जागरण सरकार का, विपक्ष का, जनता का और मुद्दों का भी. कांग्रेस की काड़ीबाजी से आन्ध्र की तेलगु […]

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