विविधा अनिवार्य शिक्षण में शामिल होने से बचेगा हिन्दी का भविष्य July 20, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | 4 Comments on अनिवार्य शिक्षण में शामिल होने से बचेगा हिन्दी का भविष्य डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत बहु भाषी और बहु सांस्कृतिक समन्वय वाला राष्ट्र है, जहाँ ‘कोस-कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी’ बदल जाती है। किन्तु विगत 50 साल में भारत की क़रीब 20 फीसदी भाषाएं विलुप्त हो गई हैं। वर्ष १९६१ की जनगणना के बाद भारत में १६५२ मातृभाषाओँ का पता चला था, […] Read more » Featured hindi अनिवार्य शिक्षण हिन्दी का भविष्य