दोहे आज कुछ आभास उनका ! March 2, 2020 / March 2, 2020 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आज कुछ आभास उनका, आत्म उर में हो गया; विश्व के इन चराचर बिच, उन्हीं का नाटक हुआ ! रूप रंग आए सजे सब, रंग मंचों पर चढ़े; अड़े ठहरे खड़े ठिठुरे, ठिठोली होली किए ! रहा दिग्दर्शन उन्हीं का, प्रणेता वे ही रहे; काल की हर एक झाँकी के, रचयिता वे रहे ! चित्र […] Read more » आज कुछ आभास उनका !