कविता साहित्य आज कोई याद मुझको ! February 13, 2016 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आज कोई याद मुझको, स्वप्न में आया किया; प्रीति में हर्षा रुला कर, प्राण को परशा किया ! प्रणव की हल्की फुहारें, छोड़ वह गाया किया; प्रवाहों की प्रगढ़ता में, प्रवाहित मुझको किया ! दूर से आयाम आ, आरोह का स्वर दे गया; रूह हर हरकत विचरता, रोशनी मुझको दिया ! जागरण की चौखटों पर, […] Read more » आज कोई याद मुझको !
कविता साहित्य आज कोई याद मुझको ! February 13, 2016 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आज कोई याद मुझको, स्वप्न में आया किया; प्रीति में हर्षा रुला कर, प्राण को परशा किया ! प्रणव की हल्की फुहारें, छोड़ वह गाया किया; प्रवाहों की प्रगढ़ता में, प्रवाहित मुझको किया ! दूर से आयाम आ, आरोह का स्वर दे गया; रूह हर हरकत विचरता, रोशनी मुझको दिया ! जागरण की चौखटों पर, […] Read more » आज कोई याद मुझको !