कविता
“आप” हुए मदहोश
/ by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो
आम आदमी के लिए, कौन आम या खास। तोड़ा है सबने सुमन, आम लोग विश्वास।। आम आदमी नाम से, बना सुमन दल एक। धीरे-धीरे खो रहा, अपना नित्य विवेक।। दांव-पेंच फिर से वही, वही पुराना राग। आम आदमी पेट में, सुमन जली है आग।। बड़बोले, स्वारथ भरे, जुटे अचानक लोग। आम आदमी का सुमन, […]
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