व्यंग्य साहित्य आया सावन जल -भुन के July 25, 2016 by अशोक गौतम | Leave a Comment लीजिए साहब! जिस बेदर्दी सावन का फरवरी से ही सरकार को इंतजार था आखिर वह आ ही गया। जल -भुन के ही सही। सावन हद से अधिक झूमता- लड़खड़ाता जनता के सामने अपने को पेश करे अतैव सरकार ने उसको लड़खड़ाते हुए आने के लिए रास्ते में ही गच्च कर दिया है। हर दो कोस […] Read more » Featured आया सावन जल -भुन के सावन