धर्म-अध्यात्म चेतन ब्रह्म की उपासना और सेवा करनी चाहिए और इससे भिन्न जड़ आदि पदार्थों की उपासना नहीं किन्तु उनसे उपकार ग्रहण करना चाहिए July 26, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य ईशावास्योपनिषद् में कुल 17 मन्त्र हैं। इस लेख में ईशावास्योपनिषद् के मन्त्र क्र्रमांक 12 से 14 पर ऋषि दयानन्द के यजुर्वेद भाष्य से इन मंत्रों के भाषार्थ एवं भावार्थ आदि प्रस्तुत हैं: मन्त्र संख्या 12 मन्त्र के ऋषि दीर्घतमाः। देवता आत्मा=स्पष्टम्। छन्द निचृदनुष्टुप् स्वर गान्धारः।। अब विद्या और अविद्या […] Read more » ईशावास्योपनिषद्