चिंतन धर्म-अध्यात्म क्या वेद अपौरूषेय हो सकते हैं March 31, 2015 / April 4, 2015 by मनमोहन आर्य | 4 Comments on क्या वेद अपौरूषेय हो सकते हैं क्या वेद अपौरूषेय है? यदि हैं तो वेदों में ईश्वर ने स्वयं ही दिये ज्ञान में आदि ऋषियों व भावी मानव पीढि़यों से अपनी प्रशंसा क्यों कराई है? अपनी प्रशंसा करना व कराना मानवीय दोष माना जाता है। ईश्वर तो सबसे बड़ा व महान होने के कारण यदि ऐसा करता है तो यह उचित प्रतीत […] Read more » Featured अपनी प्रशंसा करना व कराना मानवीय दोष माना जाता है ईश्वर तो सबसे बड़ा व महान होने के कारण यदि ऐसा करता है तो यह उचित प्रतीत नहीं होता ईश्वर ने स्वयं ही दिये ज्ञान में आदि ऋषियों व भावी मानव पीढि़यों से अपनी प्रशंसा क्यों कराई क्या वेद अपौरूषेय है क्या वेद अपौरूषेय हो सकते हैं मनमोहन कुमार आर्य