व्यंग्य
उंगली मत दिखा, न उठा रे
/ by आत्माराम यादव पीव
आत्माराम यादव पीव व्यक्ति कोई भी हो, समाज कोई भी हो, देश कोई भी हो, छोटा हो या गरीब। अमीर हो या नेता स्त्री हो या पुरुष, लड़का हो या लड़की या छोटे छोटे बच्चे, सभी अपने हाथों की उँगलियाँ का कमाल दिखाने से नहीं चूकते ओर फिर उँगलियाँ उठाकर, मटकाकर, दिखाकर जीवन के कई […]
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