कविता आएँगे आएँगे आएँगे, अच्छे दिन आ ही जाएँगे ! May 9, 2018 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment आएँगे आएँगे आएँगे, अच्छे दिन आ ही जाएँगे; जीव जड़ ना ही रहेंगे, बोध वे पा भी सकेंगे ! माधुरी दे पाएँगे, मधुर स्वर गा पाएँगे; मोह में ना वे रहेंगे, मुक्ति रस पीते चलेंगे ! सत्व गुण होगा प्रभावी, सूक्ष्म मन होंगे प्रभारी; आएगी उनकी वारी, रहे अब तक जो पिछाड़ी! चरित्र निर्मल होंगे, […] Read more » Featured आएँगे उत्कृष्टि चखेगी चरित्र निर्मल मधु’ मानुष माधुरी