व्यंग्य साहित्य कवि और कल्पना June 18, 2013 by बीनू भटनागर | 2 Comments on कवि और कल्पना आजकल हर निर्माता अपनी सफल फिल्म के सीक्वल बनाने में लगा हुआ है। टी.वी. पर आने वाले रियलिटी शोज़ के तो हर साल नये सीज़न आते ही हैं। अब कुछ धारावाहिक भी नये सीज़न लेकर आ रहे हैं, तो मैंने सोचा कि इस प्रथा को लेखन में भी उतारा जाये, जो बात पहले कहने से […] Read more » कवि और कल्पना
व्यंग्य कवि और कल्पना November 5, 2012 / November 5, 2012 by बीनू भटनागर | 4 Comments on कवि और कल्पना कविता भी क्या चीज़ है कल्पना की उड़ान कवि को किसी दूसरी ही दुनियाँ मे पंहुचा देती है। एक कवि की दुनियाँ और एक उस व्यक्ति की दुनियाँ। यह इंसान कभी भी एक दुनियाँ से निकल कर दूसरी दुनियाँ मे ऐसे आता जाता रहता है जैसे कोई एक कमरे से दूसरे कमरे मे जाता हो। […] Read more » कवि और कल्पना