विधि-कानून विविधा आमने-सामने : न्यायाधीशों की नियुक्ति December 7, 2016 by वीरेंदर परिहार | 2 Comments on आमने-सामने : न्यायाधीशों की नियुक्ति उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय के काॅलेजियम द्वारा भेजे गए 77 नामों में से 34 नामों की स्वीकृति केन्द्र सरकार द्वारा दिए जाने से ऐसा लगने लगा था कि न्यायपालिका और सरकार के बीच बर्फ गलने लगी है, और अंतोगत्वा दोनों के बीच जजों की नियुक्तियों को लेकर कोई आम सहमति बन जाएगी। लेकिन 43 नामों को केन्द्र सरकार द्वारा वापस कर दिए जाने और उन नामों को पुनः काॅलेजियम द्वारा केन्द्र सरकार के पास भेजे जाने से ऐसा लगता है कि न्यायपालिका और सरकार आमने-सामने आ गए हैं। Read more » Collegium System of judges Featured काॅलेजियम काॅलेजियम व्यवस्था न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया प्रधान न्यायाधीश टी.एस. ठाकुर सर्वोच्च न्यायालय सशक्त एवं निष्पक्ष लोकपाल गठन
विधि-कानून विविधा क्या न्यायपालिका सर्वशक्तिमान है? October 31, 2016 by वीरेंदर परिहार | Leave a Comment लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह कि पारदर्शिता के इस दौर में और जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में पारदर्शिता की पक्षधर न्यायपालिका अपने लिए पारदर्शिता की पक्षधर नहीं है। वह रंच-मात्र भी जवाबदेह नहीं होना चाहती। वह सबके मामले में हस्तक्षेप कर सकती है, यहां तक कि कानून भी बना सकती है जो संसद का काम है, पर अपने मामले में वह कोई नियंत्रण स्वीकार करने को तैयार नहीं है। Read more » appointment of judges Featured इलाहाबाद हाईकोर्ट काॅलेजियम न्यायपालिका सुप्रीम कोर्ट