कविता
क्या कहें सन दो हजार बीस का हाल
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकक्या कहें सन दो हजार बीस का हाल,कम हंसाया,खूब रुलाया, जीना मुहाल! नव वर्ष कर रहा हमसे पुराना सवाल,मानवीय मूल्यों को अब रखो संभाल! वन पर्यावरण, जन जीवन का रखना,अच्छा ख्याल वर्णा रोते बीतेगा साल! अब दुबारा चलना मत चीन सी चाल,नहीं तो दुनिया होगी फिर से कंगाल! बच्चों की पढ़ाई गई, मजदूर […]
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