कविता कविता ; छटपटाता आईना – श्यामल सुमन March 9, 2012 / March 12, 2012 by श्यामल सुमन | 1 Comment on कविता ; छटपटाता आईना – श्यामल सुमन सच यही कि हर किसी को सच दिखाता आईना ये भी सच कि सच किसी को कह न पाता आईना रू-ब-रू हो आईने से बात पूछे गर कोई कौन सुन पाता इसे बस बुदबुदाता आईना जाने अनजाने बुराई आ ही जाती सोच में आँख तब मिलते तो सचमुच मुँह चिढ़ाता आईना कौन […] Read more » poem poem by shyamal suman Poems कविता छटपटाता आईना