धर्म-अध्यात्म “जन्म व मृत्यु शरीर के आदि व अन्तिम छोर हैं और अन्त्येष्टि संस्कार अन्तिम क्रिया है” August 20, 2018 / August 20, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य के जन्म से जीवन का आरम्भ होता है और मृत्यु होने पर जीवन समाप्त हो जाता है। जन्म का अर्थ है कि एक चेतन, अल्पज्ञ, ससीम, सूक्ष्म और अनादि व नित्य जीवात्मा का माता के गर्भ में शरीर का निर्माण व जन्म तथा मृत्यु का अर्थ है कि शरीरस्थ जीवात्मा का […] Read more » Featured अग्नि ऋषि दयानन्द एकादशाह गया श्राद्ध जन्म जल दशगात्र द्वादशाह पृथिवी मासिक मृत्यु शरीर वायु वार्षिक सपिण्डी कर्म
धर्म-अध्यात्म “हमारा यह जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है और मृत्यु के बाद हमारा पुनर्जन्म अवश्य होगा” April 4, 2018 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on “हमारा यह जन्म हमारे पूर्वजन्म का पुनर्जन्म है और मृत्यु के बाद हमारा पुनर्जन्म अवश्य होगा” मनमोहन कुमार आर्य हम मनुष्य हैं और लगभग 7 दशक पूर्व हमारा जन्म हुआ था। प्रश्न है कि जन्म से पूर्व हमारा अस्तित्व था या नहीं? यदि नहीं था तो फिर यह अभाव से भाव अर्थात् अस्तित्व न होने से हुआ कैसे? विज्ञान का सिद्धान्त है कि किसी भी पदार्थ का रूपान्तर तो किया जा […] Read more » featuerd जन्म जन्मान्तरों पुनर्जन्म मनुष्य शरीर संस्कार
धर्म-अध्यात्म जन्म व मृत्यु से जुड़े कुछ प्रश्नों पर विचार November 16, 2017 / November 16, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य एक शरीरधारी जीवात्मा को कहते हैं जो मनुष्यों के समान आकृति सहित मननशील प्राणी होता है। जीवात्मा एक चेतन तत्व है जो सत्य, एकदेशी, ससीम, अल्पज्ञ, अल्प सामर्थ्य, जन्म-मरण धर्मा, कर्मों को करने वाला व ईश्वरीय व्यवस्था से उनके फल भोगने वाला है। मनुष्यों को मनुष्य-जन्म उसके पूर्व जन्मों के कर्मों […] Read more » death and birth जन्म मृत्यु