दोहे जब मन की मेरी बात सुने मेरे सँवरिया ! September 18, 2019 / September 18, 2019 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment जब मन की मेरी बात सुने मेरे सँवरिया; आनन्द गंग बहे चले मेरे प्रहरिया ! लहरों में घुमा प्रस्तर तर आए नज़रिया; बृ़क्षों की व्यथा उर में रखे चमके वे दुनियाँ ! बादल में घुमड़ सूर्य रमण देखे वे नदिया; वायु में रमे हिय में फुरे मन वन फिरिया ! हर पात सिहर ताप विहर […] Read more » जब मन की मेरी बात सुने मेरे सँवरिया !