कविता जवानी January 29, 2021 / January 29, 2021 by आलोक कौशिक | Leave a Comment हो जाती है हर किसी सेकोई-ना-कोई नादानीआती है जब जीवन मेंखिलती हुई जवानी मोहब्बत भी लेती हैपहली बार अँगड़ाईछूती है जब प्यार सेजिस्म को तरुणाई पतझड़ का मौसम भीउसे लगता है सावनबहार बनकर आता हैजिस किसी पर यौवन हर पल होता है द्वंद्वदिल और दिमाग़ मेंजब जल रहा होता हैकोई जवानी की आग में ✍️ […] Read more » जवानी