![](https://www.pravakta.com/wp-content/uploads/2019/01/xalone-man.jpg.pagespeed.ic.bZQRUazQgy.jpg)
हो जाती है हर किसी से
कोई-ना-कोई नादानी
आती है जब जीवन में
खिलती हुई जवानी
मोहब्बत भी लेती है
पहली बार अँगड़ाई
छूती है जब प्यार से
जिस्म को तरुणाई
पतझड़ का मौसम भी
उसे लगता है सावन
बहार बनकर आता है
जिस किसी पर यौवन
हर पल होता है द्वंद्व
दिल और दिमाग़ में
जब जल रहा होता है
कोई जवानी की आग में
✍️ आलोक कौशिक