राजनीति समाज यूं ही कोई आदमखोर नहीं बनता May 15, 2018 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment बिपिन जोशी नौ साल का लड़का अपने आंगन में खेल रहा है। ढलते सूरज की किरणें सामने हिमालय पर पड़ रही हैं बालक हिमालय के बदलते रंगों को निहार रहा है, हिमालय के बदलते रंग उस लड़के को रोमांचित कर रहे हैं वह ध्यानमग्न हैं। अभी तो चांदी के समान चमक रहा था, अभी यह लाल हो […] Read more » Featured गांव गुलदार जानवर तेंदुआ पर्यावरण पेड़-पौधे मासूम बच्चे योजनाओं राष्ट्रीय नीतियों
व्यंग्य जिया जले, जाँ जले ! April 13, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment देवेंद्रराज सुथार अब तो न दिन को चैन आता है और न ही रात को नींद आती है। इस आलम में कुछ नहीं भाता है और न ही कोई ख्याल आता है। जिया जलता है। जाँ जलती है। नैनों तले धुआँ चलता है। रुक जाइए ! यदि आप मुझे प्रेमी समझने की भूल कर रहे […] Read more » Featured आमीर इंसान ऐसी गरीब गर्मी जानवर ठंड सर्दी