कविता साहित्य
देवभूमि मे बादल फटे
by बीनू भटनागर
देवभूमि में बादल फटे, यात्री बाढ़ में फंसे, प्रलय सा मच गया, देखो, हाहाकार। भागीरथी और अलखनन्दा में, भीषण जल प्रवाह, बस और कारें ऐसे बहीं, जैसे कग़ज़ की नाव, बाढ़ प्रकोप से उजड़ गये, उत्तरकाशी व देवप्रयाग, बद्री नाथ तो बच गये, उजड़े केदार नाथ, सारी बस्ती बह गई, रह गये भोलेनाथ। गंगा तट […]
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