समाज मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा September 4, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग जैन धर्म में संथारा अर्थात संलेखना- ’संन्यास मरण’ या ’वीर मरण’ कहलाता है। यह आत्महत्या नहीं है और यह किसी प्रकार का अपराध भी नहीं है बल्कि यह आत्मशुद्धि का एक धार्मिक कृत्य एवं आत्म समाधि की मिसाल है और मृत्यु को महोत्सव बनाने का अद्भुत एवं विलक्षण उपक्रम है। तेरापंथ धर्मसंघ […] Read more » Featured जैन धर्म तपस्या त्याग धर्मगुरुओं मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा राजनेताओं श्रीमती इंदिरा गांधी समाजसेवियों एवं रचनाकारों संस्कृति-उद्धार साहित्य-सृजन साहित्यकारों
समाज देश बलात्कारियों के समर्थकों को भी पहचाने April 30, 2018 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment देश बलात्कारियों के समर्थकों को भी पहचाने तनवीर जाफ़री पिछले दिनों जोधपुर की एक अदालत ने भक्तों का भारी जनाधार रखने वाले एवं देश के एक प्रसिद्ध तथाकथित स्वयंभू संत बापू आसाराम को उसी के अपने एक शिष्य की नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार किए जाने जैसे घिनौने कृत्य का दोषी पाते हुए उम्रकैद की […] Read more » Featured अटल बिहारी वाजपेयी आसाराम कमलनाथ तथा मोतीलाल वोरा डा० रमन सिंह तुलसी प्रजापति दिग्विजय सिंह धर्मगुरुओं नरेंद्र मोदी नाबालिक लडक़ी नितिन गडकरी बंजारा भक्तजनों मुरली मनोहर जोशी राजनाथ सिंह लालकृष्ण अडवाणी शिवराज सिंह चौहान शिष्यों सोहरााबुद्दीन
समाज क्या वाकई हम वैसे हैं, जैसा कि खुद को कहते या समझते हैं ?? April 16, 2018 by राजकुमार झांझरी | Leave a Comment राजकुमार झांझरी दुनिया के लोग स्व-विवेक के बजाय औरों के थोपे गये विचारों के अनुरुप अपना जीवन संचालित करने का प्रयास करते हैं और यही उनकी दुख-तकलीफों का मुख्य कारण है। वे कभी इस बात की सच्चाई को जानने की कोशिश नहीं करते कि जिन्हें वे फॉलो कर रहे हैं अथवा फॉलो करते आ रहे […] Read more » Featured कृृष्ण गुरु दुनिया धर्मगुरुओं पादरियों मौलवियों विवेक