विधि-कानून विविधा न्याय की धीमी गति पर खड़े हुए सवाल December 28, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग देश में कानून प्रक्रिया की धीमी एवं सुस्त गति एक ऐसी त्रासदी बनती जा रही है, जिसमें न्यायालयों में न्याय के बजाय तारीखों का मिलना, केवल पीड़ित व्यक्ति को ही नहीं, बल्कि समूची व्यवस्था को घायल कर देती है। इससे देश के हर नागरिक के मौलिक अधिकारों का न केवल हनन होता है […] Read more » Featured justice slow speed of justice Standing on the slow speed of justice न्याय न्याय की धीमी गति