कविता
प परम पिता परमेश्वर से प्रेरित
/ by विनय कुमार'विनायक'
—विनय कुमार विनायकप परम पिता परमेश्वर से प्रेरित,प्राणियों के लिए प्रांजल अक्षर है! प पिता,प्रपिता,पूर्वज परम्परा से,पुत्र,पुत्री,पौत्र, प्रपौत्र का सफर है! प पुनीत,पवित्र, प्रेम,प्रीति प्रखर,परमात्मा से प्रस्फुटित प्यार है! प पद, पैसा, प्रतिष्ठा प्राप्त कर,प्रशंसा पाने से पाप का प्रचार है! प से पति-पत्नी के मिलने पर,परमेश्वर की सृष्टि का प्रसार है! प से पाप, […]
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