कहानी साहित्य बरकत February 2, 2016 by विजय कुमार | 1 Comment on बरकत कल शाम देहरादून से जितेन्द्र का फोन आया, ‘‘20 अक्तूबर को तुम्हारे भतीजे का विवाह है। कार्ड तो जब छपेगा, तब भेज दूंगा; पर तारीख लिख लो। भाभी जी और बच्चों को भी आना है।’’ मैंने कहा, ‘‘हां भाई, ऐसे खुशी के मौके बार-बार थोड़े ही आते हैं। हम सब जरूर आएंगे। कोई चीज […] Read more » Featured बरकत