महत्वपूर्ण लेख ‘बुद्घ नही युद्घ’ के उद्घोषक: सावरकर October 10, 2014 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on ‘बुद्घ नही युद्घ’ के उद्घोषक: सावरकर बात 10 मई 1957 की है। सारा देश 1857 की क्रांति की शताब्दी मना रहा था। दिल्ली में रामलीला मैदान में तब एक भव्य कार्यक्रम हुआ था। हिंदू महासभा के नेता वीर सावरकर यद्यपि उस समय कुछ अस्वस्थ थे, परंतु उसके उपरांत भी वह इस ऐतिहासिक समारोह में उपस्थित हुए थे। वह देश के पहले […] Read more » 'बुद्घ नही युद्घ'