लेख भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन तथा गोरक्षा पर ऋषि दयानन्द के विचार April 8, 2021 / April 8, 2021 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्यमनुष्य मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, ज्ञानी व अज्ञानी। रोग के अनेक कारणों में से मुख्य कारण भोजन भी होता है। रोगी व्यक्ति डाक्टर के पास पहुंचता है तो कुशल चिकित्सक जहां रोगी को रोग निवारण करने वाली ओषधियों के सेवन के बारे में बताता है वहीं वह उसे पथ्य अर्थात् भक्ष्य […] Read more » तथा गोरक्षा पर ऋषि दयानन्द के विचार भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन तथा गोरक्षा भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन तथा गोरक्षा पर ऋषि दयानन्द के विचार
जन-जागरण मनुष्य के भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन विषयक वैदिक नियम व व्यवहार December 12, 2019 / December 12, 2019 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य दूसरे मनुष्य के हाथ से बना व पका तथा छुआ हुआ भोजन करने के विषय में हमारे देश के सनातनी बन्धुओं में अनेक प्रकार के भ्रम व मान्यतायें प्रचलित रही हैं। एक प्रश्न यह भी है कि क्या द्विज (ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य) अपने हाथ से रसोई बना के खावें या […] Read more » food and food of humans भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन
समाज भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन एवं गोरक्षा November 7, 2015 / November 7, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन एवं गोरक्षा पर महर्षि दयानन्द के वेदसम्मत, देशहितकारी एवं मनुष्योचित विचार मनुष्य मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं, ज्ञानी व अज्ञानी। रोग के अनेक कारणों में से मुख्य कारण भोजन भी होता है। रोगी व्यक्ति डाक्टर के पास पहुंचता है तो कुशल चिकित्सक जहां रोगी को रोग निवारण करने वाली ओषधियों […] Read more » Featured गोरक्षा भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन भक्ष्य व अभक्ष्य भोजन एवं गोरक्षा