समाज हमारा मूल विदेशों में नही, भारत में है March 18, 2016 by राकेश कुमार आर्य | 7 Comments on हमारा मूल विदेशों में नही, भारत में है भारत में जातियों का वर्गीकरण और उनकी सामाजिक स्थिति को विकृत करने का काम अंग्रेजों ने किया। भारत की प्राचीन वर्णव्यवस्था कर्म के आधार पर थी। कर्म से ही व्यक्ति का वर्ण निश्चित किया जाता था, कर्म परिवर्तन से वर्ण परिवर्तन भी सम्भव था। इसलिए एक शूद्र के ब्राह्मण बनने की पूर्ण सम्भावना थी। कालान्तर […] Read more » Featured भारत की प्राचीन वर्णव्यवस्था भारत में जातियों का वर्गीकरण मूल भारत में है