धर्म-अध्यात्म “मनुष्य का मानव और दानव बनना उसके अपने हाथों में हैं” November 3, 2018 / November 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ससार में हम अनेक प्राणियों को देखते हैं। दो पैर और दो हाथ वाला प्राणी जो भूमि पर सीधा खड़ा होकर व सिर ऊंचा उठाकर चलता है, जिसके पास बुद्धि है और जो सोच विचार कर अपने काम करता है, उसे मनुष्य कहते हैं। मनुष्य की विशेषता यह है कि उसके पास […] Read more » “मनुष्य का मानव और दानव बनना उसके अपने हाथों में हैं” अग्निहोत्र अनुचित ऋषि दयानन्द कर्तव्य-अकर्तव्य चिन्तन ध्यान मनन माता पिता स्वाध्याय
धर्म-अध्यात्म “क्या हमें अपना व अपने अतीत और भविष्य का पता है?” September 21, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम इस जन्म में मनुष्य योनि में उत्पन्न हुए हैं। हम क्या हैं, यह अधिकांश मनुष्यों को ज्ञात नहीं है। कारण यह है कि न तो हमारे माता-पिता और न ही हमारे स्कूलों के आचार्य ही जानते हैं कि मनुष्य की आत्मा का स्वरूप क्या है? स्कूलों में हमें यह विषय पढ़ाया […] Read more » अध्ययन अन्तहीन अमर अविनाशी जन्म चिन्तन ज्ञान नित्य मनन लेखन विचार विद्वानों की संगति