धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन का उद्देश्य May 5, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनुष्य जीवन का उद्देश्य संसारस्थ ईश्वर, जीव व प्रकृति के स्वरूप को यथार्थतः जानना है। ईश्वर को जानकर ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना व उपासना करनी है। भौतिक सुखों का त्यागपूर्वक उपभोग करना है। परसेवा, परोपकार, सत्पात्रों को दान, ब्रह्म ज्ञान वा वेदप्रचार, यज्ञ व अग्निहोत्र कर्मों को करना कर्तव्य है। दान के लिए सत्पात्रों का चयन अति कठिन व दुष्कर कार्य है। ऋषियों ने जो पंचमहायज्ञों का विधान किया है उसे जानकर सब मनुष्यों को श्रद्धापूर्वक करना है। यह सब करने के लिए वेदाध्ययन व विद्वानों की संगति आवश्यक है। यदि करेंगे तो मिथ्या आचरण से बच सकते हैं अन्यथा काम, क्रोध व लोभ आदि से ग्रस्त व त्रस्त हो सकते हैं। इन पर नियंत्रण पाने के लिए सन्ध्या व यज्ञ सहित सभी वैदिक विधानों को करना है। तभी हम सभी बुराईयों से बच सकते हैं। महर्षि दयानन्द व उनके बाद के प्रमुख आर्य विद्वान नेताओं के जीवनों का अनुकरण कर भी हम अपने जीवन को श्रेय मार्ग पर चला सकते हैं। Read more » मनुष्य जीवन का उद्देश्य
धर्म-अध्यात्म मनुष्य जीवन का उद्देश्य May 1, 2017 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment क्या मनुष्य जीवन का उद्देश्य आधुनिक शिक्षा प्राप्त कर धनोपार्जन कर सुख व सुविधाओं से युक्त जीवन जीना मात्र ही है?’ –मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। आज का हमारा उपर्युक्त विषय पाठकों को कुछ अटपटा सा लग सकता है। हमें लगता है कि यह विषय विचारणीय है और आज देश व संसार में जो आपाधापी मची […] Read more » मनुष्य जीवन का उद्देश्य