राजनीति मप्र भाजपा सरकार – कन्याओं को उपहार December 13, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment भारतीय संस्कृति के मूलाधार वेदों में से अथर्व वेद में कहा गया है – यत्र नार्यन्ति पूज्यन्ते – रमन्ते तत्र देवताः। यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्रफला: क्रिया।। अर्थात जहां स्त्रियों का सम्मान होता है, केवल वहीँ देवी-देवता निवास करते हैं. जिन घरों में स्त्रियों का अपमान होता है, वहां सभी प्रकार की पूजा, अनुष्ठान आदि करने के बादभी भगवान निवास नहीं करते हैं, और वहां दरिद्रता, विपन्नता व समस्याओं का चिर निवास हो जाता है. स्त्री विमर्श भारत की संस्कृति का एक मूल अंग रहा है.पश्चिम की तरह नारी विमर्श हमारे देश में एक अलग विचारधारा नहीं रही अपितु समग्र मानवीय विकास में हमने नारी को उच्चतम स्थान देकर अपनी विकास यात्रा की है.1968 में फ्रांस के नारी मुक्ति आन्दोलन की प्रमुख व पश्चिमी नारी विमर्श की जनक सिमान द ब्वाँ ने नारी स्थिति पर कहा और सम्पूर्ण पश्चिम ने माना की “ नारी जन्म नहीं लेती बल्कि उसे […] Read more » Featured बेटी बचाओ महिला व कन्या केन्द्रित योजना लाड़ली लक्ष्मी योजना स्त्री विमर्श