कविता साहित्य मुझको अब सहना आता है………. August 16, 2016 by बीनू भटनागर | Leave a Comment मुझको अब सहना आता है इतनी पीड़ा सहने पर अब, ईश्ववर भी याद नहीं आता, जितनी पीड़ा देनी है दे दे वो, मुझको अब सहना आता है। पीड़ा आज गई घर अपने, फिर आऊंगी वादा करके। हर आहट पर लगता है कहीं पीड़ा वापिस आने का संकेत तो नहीं ………….. इतनी पीड़ा सहकर अब रोज़ […] Read more » मुझको अब सहना आता है