कविता साहित्य मैं मैं हूँ मैं ही रहूँगी June 6, 2017 by बीनू भटनागर | 10 Comments on मैं मैं हूँ मैं ही रहूँगी मै नहीं राधा बनूंगी, मेरी प्रेम कहानी में, किसी और का पति हो, रुक्मिनी की आँख की किरकिरी मैं क्यों बनूंगी मै नहीं राधा बनूँगी। मै सीता नहीं बनूँगी, मै अपनी पवित्रता का, प्रमाणपत्र नहीं दूँगी आग पे नहीं चलूंगी वो क्या मुझे छोड़ देगा मै ही उसे छोड़ दूँगी, मै सीता नहीं बनूँगी। मै […] Read more » मैं मैं हूँ मैं ही रहूँगी