धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४१ April 13, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment अक्रूर जी ने कंस का कथन बड़े ध्यान से सुना। कुछ समय मौन रहकर विचार किया – यदि वह बालक देवकी की आठवीं सन्तान है, तो अवश्य ही इस दुराचारी का वध करने में समर्थ होगा। इसकी मृत्यु निकट आ गई है, तभी यह दुर्जेय, अति पराक्रमी और ईश्वरीय गुणों से भरे हुए दोनों बालकों […] Read more » Featured gopal krishn Krishna बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन-४१