जरूर पढ़ें राजनीति राजसत्ता पर नैतिकता का अंकुश भा. (१) February 24, 2015 / February 24, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 7 Comments on राजसत्ता पर नैतिकता का अंकुश भा. (१) डॉ. मधुसूदन (एक) विषय की आंशिक झाँकी ॐ ==> “जनपद के बाहर छोटी कुटी में रहकर यजन (यज्ञ -हवन )-क्रिया करने वाले ब्राह्मणों को अपने समय की राजनीति की इतनी अधिक चिन्ता रहती थी, जितनी कदाचित और किसी को न रहती होगी।” ॐ ==> “वह चाहे तब राज-सभा में पहुंचते,और, राजा को परामर्श देते, उसे […] Read more » राजसत्ता पर नैतिकता का अंकुश