कविता साहित्य रावण क्या बन पावोगे October 9, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment कीट मकोड़े पशु जानवर, भी बन पाना आसान नहीं। सब के अपने लक्ष्य होते हैं,सब कर पाना आसान नहीं।। चारो वेद का ज्ञाता था वह, वीणा संगीत में सानी नहीं। राजनीतिज्ञ था पराक्रमी , ज्ञानी सम उसके कोई नहीं।। Read more » रावण क्या बन पावोगे