कविता रिश्तों का भ्रम October 7, 2020 / October 7, 2020 by डॉ. ज्योति सिडाना | Leave a Comment हर रिश्ते की बुनियाद में स्वार्थ छिपा है,हर बात के पीछे कुछ न कुछ भावार्थ छिपा है,पैसों की इस दुनिया में भावनाओं का क्या काम,खोखले हैं रिश्ते सारे रख लो चाहे कोई भी नाम।जिसने खामोशी को बोलते, उदासी को चहकते नहीं देखा,धूप को ठिठुरते, आकाश को छटपटाते नहीं देखा,सागर को तरसते और आंसू को हंसते […] Read more » the illusion of relations रिश्तों का भ्रम