विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-58 October 26, 2017 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on विश्वगुरू के रूप में भारत-58 राकेश कुमार आर्य वहां कहा गया है-”ओ३म् अग्निमीडे पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम्। होतारं रत्नधातमम्।।” (ऋ. 1/1/1) यहां पर अग्नि को सर्वत: हित करने में अग्रणी मानते हुए उसकी स्तुति करने की बात कही गयी है। इसका अभिप्राय है कि वेद का ऋषि अग्नि के गुणों से परिचित था। तभी तो उसने उसकी स्तुति का उपदेश दिया […] Read more » Featured India India as world leader भारत भारत की विमान विद्या विमान विद्या विश्वगुरू विश्वगुरू भारत