विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-38 October 3, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   विकास और विनाश के इस खेल को भारत अपने देवासुर संग्राम की कहानियों के माध्यम से स्मरण रखता है और उसे इसीलिए बार-बार दोहराता है अर्थात ध्यान करता है कि यदि कहीं थोड़ी सी भी चूक हो गयी या हमने प्रमादपूर्ण शिथिलता का प्रदर्शन किया तो महाविनाश हो जाएगा। यही […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-37 September 30, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  मनु महाराज के पश्चात प्रियव्रत ने अपने पुत्र आग्नीन्ध्र को जम्बूद्वीप (आज का एशिया महाद्वीप), मेधातिथि को प्लक्षद्वीप (यूरोप), वयुष्मान को शाल्मलिद्वीप (अफ्रीका महाद्वीप), ज्योतिष्मान को कुशद्वीप (दक्षिण अमेरिका), भव्य को शाकद्वीप (आस्टे्रलिया) तथा सवन को पुष्करद्वीप (अण्टार्कटिका महाद्वीप) का स्वामी या अधिपति बनाया। पुराणों की इस साक्षी से पता चलता […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-36 September 29, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  जलप्लावन की सूचना और भारतीय इतिहास भारत के इतिहास ने ज्योतिष शास्त्र और विज्ञान के क्षेत्र की बहुत सी घटनाओं को अपने में समाविष्ट किया है। इसलिए इसके गहन अध्ययन से अतीत की बहुत सी ऐसी घटनाओं की सूचना हमें सहज ही उपलब्ध हो जाती है जो कि ज्योतिष से या […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-35 September 28, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  भारत के इतिहास में रूचि रखने वाले किसी भी विद्यार्थी को चाहिए कि वह भारत को यहीं से समझना आरंभ करे। उसके पश्चात अमैथुनी सृष्टि संबंधी भारत की वैज्ञानिक धारणा को समझकर मानव के मैथुनी सृष्टि में प्रवेश को समझे, तो हमें मानव इतिहास की श्रंखला का प्रथम सूत्र हाथ लग […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-34 September 27, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  ईश्वर के विषय में यह माना जाता है कि वह सृष्टि के अणु-अणु में विद्यमान है और घट-घट वासी है। उसकी दृष्टि से कोई बच नहीं सकता। अत: वह मनुष्य के प्रत्येक विचार का और प्रत्येक कार्य का स्वयं साक्षी है। जिससे उसकी न्यायव्यवस्था से कोई बच नहीं पाएगा। घट-घट वासी […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-32 September 25, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य सभी मनुष्यों को यह अधिकार है कि बुद्घि पूर्वक अपने जीवनोद्देश्य का निर्धारण करे। अपनी सामाजिक, शारीरिक व आत्मिक उन्नति करे, साथ ही परोपकारी बने रहकर अन्य जीवों के कल्याण की योजनाओं में भी लगा रहे, विद्या प्राप्ति करे और अज्ञान से युक्त होकर अपनी शारीरिक रक्षा करने व भोजन वस्त्र […] Read more » Featured अष्टांगयोग कर्मफल व्यवस्था भारत भारत में कर्मफल व्यवस्था विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-31 September 25, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य इन नास्तिकों की बात तो कहीं तक ठीक थी कि राजनीति और साम्प्रदायिकता को अलग करो, परंतु इनसे दो भूले हुईं-एक तो यह कि ये लोग साम्प्रदायिकता और धार्मिकता को एक ही समझ बैठे-उनमें ये अंतर नहीं कर पाये। इसलिए इन लोगों ने संसार के लिए परमावश्यक धार्मिकता को भी गोली मारने […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-30 September 23, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  एक मां के गर्भ में आना दूसरे के यहां पैदा होना, देश छोडक़र भेजा जाना, रास्ते में नदी की सूचना, तत्कालीन राजा द्वारा बच्चों का वध गौ और मधु दोनों का प्रेम यह कृष्ण और क्राइस्ट की सब समान गाथाएं हैं। पर वध की कहानी कंस से मिलती है। क्राइस्ट की […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-29 September 22, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  आज की शिक्षा बच्चे को बड़ा होकर धनी बनाने के लिए दिलायी जाती है, जबकि भारत में इसके विपरीत था। यहां तो वेद (यजु. 2/33) की व्यवस्था है :- ”(विद्यार्थी के माता-पिता उसके गुरू से निवेदन कर रहे हैं) हे गुरूजनो! कमल पुष्प की माला पहने इस बालक को अपने गुरूकुल […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-28 September 20, 2017 / September 20, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   हर युग में और हर स्थिति-परिस्थिति में भारत के महान लोगों ने मानवतावाद को पुष्ट करने वाले चिंतन को प्रस्तुत किया और उसी के आधार पर लोगों को जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। जब तक भारत की ऐसी शिक्षा प्रणाली विश्व का मार्गदर्शन करती रही तब तक संसार में […] Read more » Featured India India as world leader पंथ भिन्नता भारत भारतीय शिक्षा नीति विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-27 September 19, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  गुरूकुलों की परीक्षा प्रणाली हमारे यहां प्राचीनकाल में गुरूकुलों में विभिन्न परीक्षाओं की व्यवस्था की जाती थी। उन परीक्षाओं को आजकल की अंक प्रदान करने वाली परीक्षाओं की भांति आयोजित नहीं किया जाता था। उसका ढंग आज से सर्वथा विपरीत था। तब आचार्य अपने विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए कई प्रकार […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत विश्वगुरू भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-25 September 18, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   हमारे प्राचीन ऋषियों ने पशु-पक्षियों की अनेकों प्रेरणास्पद कहानियों का सृजन किया, और उन्हें बच्चों को बताना व पढ़ाना आरंभ किया। उसे बच्चे के मनोविज्ञान के साथ जोड़ा गया और परिणाम देखा गया कि बच्चों पर उसका आशातीत प्रभाव पड़ा। वेद और उपनिषदों की गूढ़ बातों को पशु-पक्षियों की कहानियों […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत विश्वगुरू भारत