समाज स्तरहीन कवि सम्मेलनों से हो रहा हिन्दी की गरिमा पर आघात May 28, 2018 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ कवि सम्मेलनों का समृद्धशाली इतिहास लगभग सन १९२० माना जाता हैं । वो भी जन सामान्य को काव्य गरिमा के आलोक से जोड़ कर देशप्रेम प्रस्तावित करना| चूँकि उस दौर में भारत में जन समूह के एकत्रीकरण के लिए बहाने काम ही हुआ करते थे, जिसमें लोग सहजता से आएं और […] Read more » Featured आई एम इंजीनियरिंग एन आई टी कवि सम्मेलनों प्रबंधन मेडिकल रहा हिन्दी की गरिमा पर आघात विश्वविद्यालय स्तरहीन कवि सम्मेलनों हिन्दी भाषा
कविता कलम बीनती दो लड़कियाँ May 10, 2018 by कुलदीप प्रजापति | Leave a Comment कुलदीप विद्यार्थी आज सुबह होस्टल की खिड़की से देखा कलम बीनते हुई दो लड़कियाँ मैले वस्त्र, दोनों के सिर पर दो चोटियां नाक छिदा हुआ मटमैला सवाल चेहरा जान पड़ता था कि मुँह तक नहीं धुला हैं तुलसी को जल चढ़ाते हुए निगाह उन पर टिकी अमूमन इस ओर नहीं आता कोई अच्चम्बे से उनको […] Read more » अलमारी कलम खिड़की विश्वविद्यालय
परिचर्चा विविधा गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की ओर लौटते विश्वविद्यालय May 8, 2015 / May 8, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की ओर लौटते विश्वविद्यालय -डॉ. मयंक चतुर्वेदी- गुरुकुल का आशय है वह स्थान या क्षेत्र, जहां गुरु का कुल यानि परिवार निवास करता है। प्राचीन भारत में शिक्षक ही गुरु माना जाता था और उसका परिवार उसके यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों से ही पूर्ण माना जाता था। जब किसी बालक के पहले गुरु का प्रश्न आया तो […] Read more » Featured गुरुकुल शिक्षा गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था की ओर लौटते विश्वविद्यालय विश्वविद्यालय