Tag: वैदिक मनोविज्ञान

धर्म-अध्यात्म

“चंचला लक्ष्मी को वैदिक धर्म के प्रचार द्वारा श्री व यशस्वी रुप में बदलने का सत्कार्य महात्मा दीपचन्द आर्य ने किया”

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–मनमोहन कुमार आर्य,  भारत में मध्यकाल में देश में अविद्या छा जाने के कारण जो नाना अन्धविश्वास एवं कुरीतियां उत्पन्न हुईं उससे कई मत-मतान्तर उत्पन्न हुए और इनसे परस्पर वैर भावना में वृद्धि हुई। ऋषि दयानन्द ने अपने अथक परिश्रम  से इसका कारण जाना और पाया कि वेदों में निहित सत्य ज्ञान को भूल जाने […]

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