कविता शब्द खतरे में March 5, 2021 / March 5, 2021 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment सकार शब्दों का अस्तित्वआज खतरे में हैकिन्तु शब्द खतरे में है जैसी गुहारक्यों नहीं लगाते शब्द रचनाकार?‘सच्चरित्र’,’सत्यवादी’, ‘सत्यनिष्ठ’,‘सदाचारी’,’सद्व्यवहारी’, ‘संस्कारी’जैसे लुप्तप्राय होते शब्दों के लिएसरकार क्यों नहीं बनातीएक योजना प्रोजेक्ट टाइगर जैसी?मिथकीय-ऐतिहासिकचरित्र नायकों के बूते कबतकचलते रहेंगे ये शब्द;मनुष्यता के लबादेओढ़ने-पहनने-बिछाने केअभाव में कबतक ढो पाएगीइन शब्दों को डिक्सनरी?क्या शीघ्र नहीं हो जाएंगेये सकार सद शब्दसंग्रहालय […] Read more » शब्द खतरे में