समाज भारत में स्वयंभू बाबाओं की मनमानी September 1, 2017 / September 1, 2017 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी अपने लिए कोई भी सांसारिक इच्छा न रखने वाले तथा परोपकार में अपना जीवन बिताने वाले को ही संत कहते हैं। रविदास जी ऐसे ही संत थे, जिनके लिए उनका उनका कर्म और परोपकार ही पूजा था।अपना सांसारिक हित करने की इच्छा समाप्त होकर जब परहित की इच्छा प्रबल हो जाती है, तब […] Read more » जीवन पद्धति वैष्णव शैव स्वयंभू बाबा
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म प्राचीन कालीन शैव अर्थात पाशुपत सम्प्रदाय May 29, 2016 by अशोक “प्रवृद्ध” | Leave a Comment (जीव पशु एवं शिव हैं पति) -अशोक “प्रवृद्ध” प्राचीन काल में मूल शैव सम्प्रदाय पाशुपत सम्प्रदाय कहलाता था। वे शिव को ही कर्ता- धर्ता समझते थे। इस मत के मानने वाले शिव को पति मानते थे और जीव को पशु। शिवजी पशुओं के पति हैं ऐसा उनको विश्वास है। शिवजी ही उन्हें इस संसार के […] Read more » पाशुपत सम्प्रदाय शैव