जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख संस्कृत वीणा तथा प्राकृत तानपूरे March 6, 2015 by डॉ. मधुसूदन | 9 Comments on संस्कृत वीणा तथा प्राकृत तानपूरे डॉ. मधुसूदन (एक) संस्कृत वीणा है: आप यदि वीणा के तारों को छेडकर कंपन या आंदोलन जगाते हैं, तो स्वर मिलाकर कोने में रखा तानपूरा भी बिना छेडे, उन्हीं स्वरों को आंदोलित कर दोहरा देता है। कुछ लोग चकित होते हैं, कि महाराज ! किसी ने तानपूरे को स्पर्श किया नहीं, न किसीने छेडा, तो […] Read more » प्राकृत तानपूरे: संस्कृत वीणा