कविता सब जगत ब्राह्मण है November 24, 2020 / November 24, 2020 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकमनु-स्मृति है मानव पितामनु के आदेश से भृगुऋषिरचित मानव आचारसंहिता! जिसमें सब गरल नहीं,है अमृत वाणी पुनीता,पढ़ने, सुनने,गुनने की! ऐसा है मनु का कहना-शुद्र ही ब्राह्मण होताब्राह्मण ही शूद्र होता!‘शूद्रो ब्राह्मणतामेतिब्राह्मणश्चैति शूद्रताम्।‘(मनु.अ.10/65) महाभारत शांतिपर्वका शांतिपाठ कहता–ब्राह्मण ही शूद्र है!शूद्र ही ब्राह्मण है!ब्राह्मण भृगुऋषि का कहना-पूर्व में सृष्टि कर्ता ब्रह्मा नेआत्म तेज युक्त सूर्य-अग्नि […] Read more » सब जगत ब्राह्मण है