समाज लोकतंत्र का भविष्य समन्वय में है संघर्ष में नहीं ’ August 14, 2018 / August 14, 2018 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र लोकतंत्र में प्रयुक्त ‘लोक‘ शब्द अपने अपार विस्तार में समस्त संकीर्णताओं से मुक्त है । ‘लोक’ जाति-धर्म-भाषा-क्षेत्र-वर्ग आदि समूह की संयुक्त समावेशी इकाई है, जिसमें सहअस्तित्व का उदार भाव सक्रिय रहकर ‘लोक‘ को आधार देता है। ‘लोक‘ में सबके प्रति सबकी सहानुभूति का होना आवश्यक है। इसी से ‘लोक‘ एक इकाई […] Read more » Featured ईमेल दूरदर्शन लोकतंत्र का भविष्य समन्वय में है संघर्ष में नहीं ’ समाचार-पत्र सोशल मीडिया