समाज मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा September 4, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग जैन धर्म में संथारा अर्थात संलेखना- ’संन्यास मरण’ या ’वीर मरण’ कहलाता है। यह आत्महत्या नहीं है और यह किसी प्रकार का अपराध भी नहीं है बल्कि यह आत्मशुद्धि का एक धार्मिक कृत्य एवं आत्म समाधि की मिसाल है और मृत्यु को महोत्सव बनाने का अद्भुत एवं विलक्षण उपक्रम है। तेरापंथ धर्मसंघ […] Read more » Featured जैन धर्म तपस्या त्याग धर्मगुरुओं मृत्यु को महोत्सव बनाने का विलक्षण उपक्रम है संथारा राजनेताओं श्रीमती इंदिरा गांधी समाजसेवियों एवं रचनाकारों संस्कृति-उद्धार साहित्य-सृजन साहित्यकारों