महत्वपूर्ण लेख सांस्कृतिक संवेदनहीनता के समय में ‘लोक’ January 22, 2019 / January 22, 2019 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment -प्रो. संजय द्विवेदी जब समाज में गहरी सांस्कृतिक संवेदनहीनता जड़ें जमा चुकी हो और राजनीति अपने सर्वग्रासी चरित्र में सबसे हिंसक रूप से सामने हो, तो लोक और लोकजीवन की चिंताएं बेमानी हो जाती हैं। गहरी सांस्कृतिक निरक्षरता और जड़ता से भरे-पूरे नायक, लोक पर अपनी सांस्कृतिक चिंताएं थोपते हुए दिखते हैं। सबका अपना-अपना ‘लोक’ है और […] Read more » 'People' at the time of cultural anesthesia cultural anesthesia सांस्कृतिक संवेदनहीनता