टॉप स्टोरी सेना की भूमिका पर उठे सवाल ? September 27, 2013 / September 27, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव जब देश का मुखिया कमजोर हो और सत्ता नियंत्रण के दो केंद्र बन गए हों, तब किसी भी राष्ट्र की लोकतांत्रिक संस्थाओं के अमार्यादित होने की आशंकाएं बढ़ना स्वाभाविक है। यही वह नाजुक समय होता है, जब महत्वाकांक्षी लोग अपने अधिकार क्षेत्र के इतर बेजा दखल देकर शासकों को बदलने की साजिश में […] Read more » सेना की भूमिका पर उठे सवाल ?