कविता दुआ-ए-सलामती September 27, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | 3 Comments on दुआ-ए-सलामती डॉ. रूपेश जैन ‘राहत’ रखता हूँ हर कदम ख़ुशी का ख़याल अपनी डरता हूँ फिर ग़म लौट के न आ जाए अब भुला दी हैं रंज से वाबस्ता यादें यूँ आके ज़िंदगी में ज़हर न घोल जाएँ इक बार जो गयी तो फिर न आएगी यहाँ शौक महँगा है लबों पे हँसी रखने का अपनी आबरू का ख़याल […] Read more » कश्ती साहिल जहर हँसी