महत्वपूर्ण लेख समाज “वसुधैव कुटुम्बकम” के विपरीत जातिबाद में बंटा समाज July 6, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी भारत में जाति सर्वव्यापी तत्व है । ईसाइयों, मुसलमानों, जैनों, बौद्धों और सिखों में भी जातियां हैं और उनमें भी उच्च, निम्न तथा शुद्ध-अशुद्ध जातियों का भेद विद्यमान है, लेकिन बात सिर्फ हिन्दू जातियों की इसलिए होती है, क्योंकि हिन्दू बहुसंख्यक हैं और जातियों में फूट डालकर या जातिवाद को बढ़ावा देकर […] Read more » instead of basudhaiv kutumbkam society is divided into casteism आर्य शब्द का अर्थ क्षत्रिय कौन है जाति निर्धारण के तरीके :-जाति निर्धारण के तरीके जातिवाद एक अभिशाप वंश आधारित समाज हर आदमी की चारों जातियां हिन्दू शब्द की उत्पत्ति